| dc.contributor.author | Verlekar, M.D. | |
| dc.contributor.author | Tiwari, B. | |
| dc.date.accessioned | 2025-11-04T09:28:25Z | |
| dc.date.available | 2025-11-04T09:28:25Z | |
| dc.date.issued | 2025 | |
| dc.identifier.citation | Apni Maati. 61; 2025; 135-139. | en_US |
| dc.identifier.uri | https://www.apnimaati.com/2025/09/blog-post_30.html | |
| dc.identifier.uri | http://irgu.unigoa.ac.in/drs/handle/unigoa/7719 | |
| dc.description.abstract | प्रस्तुत शोध में अनामिका के काव्य-संग्रह ‘वर्किंग विमन्स हॉस्टल और अन्य कविताएँ’ का स्त्रीवादी परिप्रेक्ष्य में अध्ययन किया गया है। संग्रह में संकलित कविताएँ स्त्री के व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन के अनुभवों और प्रचलित सामाजिक संरचनाओं पर सवाल खड़ा करती हैं। कवयित्री अपनी विशिष्ट काव्य प्रतिभा से समकालीन स्त्री-अनुभवों को मिथकों, ऐतिहासिक आख्यानों और सांस्कृतिक स्मृतियों के माध्यम से नवीन अर्थ देती हैं। वे एक ऐसे संवेदनशील एवं सहानुभूतिपूर्ण पुरुष की कल्पना करती हैं जो समतापूर्ण समाज के निर्माण में योगदान दे सके। अनामिका की भाषा लोक-संस्कृति, व्यंग्य एवं माधुर्य के संतुलित समन्वय के साथ स्त्री जीवन की सूक्ष्म संवेदनशीलता एवं जटिल मनोदशाओं को उद्घाटित करती है। ये कविताएँ स्त्रियों में बहनापे की भावना को पुष्ट करती हैं जिससे ये न सिर्फ एक महत्त्वपूर्ण काव्यात्मक योगदान के रूप सामने आती हैं बल्कि एक जरूरी वैचारिक हस्तक्षेप के रूप में हिंदी साहित्य में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करती है। | en_US |
| dc.publisher | Apni Maati Sansthan | en_US |
| dc.subject | Hindi | en_US |
| dc.title | 'वर्किंग विमन्स हॉस्टल' में स्त्री-विमर्श ['Working Women's Hostel' mein Stree-Vimarsh] | en_US |
| dc.type | Journal article | en_US |
| dc.identifier.impf | ugc |